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चिनाब रेलवे ब्रिज(Chenab Railway Bridge)

Chenab Railway Bridge

भारत का इंजीनियरिंग चमत्कार

शुक्रवार 06-06-2025 को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पुल पर तिरंगा लहराते हुए पैदल मार्च किया, तो यह केवल एक पुल का उद्घाटन नहीं था, बल्कि देश की इंजीनियरिंग क्षमता का प्रतीक बन गया. चिनाब ब्रिज के साथ पीएम ने अंजी रेल ब्रिज, उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक (USBRL) और वंदे भारत ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाई..

विश्व का सबसे ऊँचा रेलवे पुल

Chenab Railway Bridge न केवल भारत का बल्कि पूरे विश्व का सबसे ऊँचा रेलवे ब्रिज है। यह पुल जम्मू और कश्मीर में चिनाब नदी पर बना है और यह भारतीय रेलवे के महत्वाकांक्षी उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक (USBRL) परियोजना का हिस्सा है। यह पुल इंजीनियरिंग का अद्वितीय उदाहरण है और देश की ताकत और तकनीकी क्षमता को दर्शाता है।

निर्माण का इतिहास: एक सपना जो हकीकत बना

Chenab Railway Bridge के निर्माण की योजना 2002 में बनाई गई थी। इसका कार्यभार भारतीय रेलवे ने संभाला और इसे Konkan Railway Corporation द्वारा निर्मित किया गया। निर्माण कार्य वर्ष 2004 में प्रारंभ हुआ लेकिन कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और सुरक्षा कारणों से कई बार रुका।

कई वर्षों की मेहनत और तकनीकी चुनौतियों को पार करते हुए यह पुल 2022 के अंत तक तैयार हो गया और 2024 में इसका उद्घाटन किया गया। Chenab Railway Bridge अब भारत के उन प्रतिष्ठित संरचनाओं में शामिल हो चुका है जो दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं।

इंजीनियरिंग की अद्वितीयता

Chenab Railway Bridge का निर्माण एक अद्वितीय इंजीनियरिंग उपलब्धि है। इसकी कुछ विशेषताएं:

  • ऊँचाई: यह पुल चिनाब नदी के तल से 359 मीटर (1178 फीट) की ऊँचाई पर बना है। यह पेरिस के एफिल टॉवर से भी ऊँचा है!
  • लंबाई: पुल की कुल लंबाई 1315 मीटर है।
  • डिज़ाइन: यह एक स्टील आर्च ब्रिज है, जो कि अत्यधिक मज़बूती और लचीलापन प्रदान करता है।
  • निर्माण सामग्री: इसमें 24,000 टन स्टील और 46,000 क्यूबिक मीटर कंक्रीट का उपयोग हुआ है।
  • तकनीक: इसकी मजबूती सुनिश्चित करने के लिए उच्च गुणवत्ता वाली ब्लास्ट-प्रतिरोधी तकनीक (blast-proof technology) अपनाई गई है।

भौगोलिक स्थिति और रेल संपर्क में भूमिका

Chenab Railway Bridge जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में स्थित है और यह चिनाब नदी के ऊपर बना है। यह पुल कटरा और बनिहाल के बीच का हिस्सा है और जम्मू-श्रीनगर रेलमार्ग को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह पुल उत्तर भारत को कश्मीर घाटी से सीधे जोड़ता है, जिससे आवाजाही तेज और आसान हो गई है।

आर्थिक और सामरिक महत्व

Chenab Railway Bridge सिर्फ एक पुल नहीं, बल्कि यह आर्थिक और सामरिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है:

  • आर्थिक विकास: जम्मू-कश्मीर के दूरदराज़ क्षेत्रों को रेलमार्ग से जोड़ने से व्यापार, पर्यटन और स्थानीय रोजगार को बढ़ावा मिलेगा।
  • सैन्य रणनीति: इस पुल के माध्यम से भारतीय सेना को कश्मीर घाटी में तेज़ और सुरक्षित लॉजिस्टिक सपोर्ट मिल सकेगा।
  • राष्ट्रीय एकता: यह पुल उत्तर भारत को कश्मीर से जोड़ता है, जिससे राष्ट्रीय एकता को मजबूती मिलती है।

हालिया स्थिति और उद्घाटन जानकारी

Chenab Railway Bridge का निर्माण कार्य 2022 में लगभग पूरा हो गया था। सभी तकनीकी जांचों और संरचनात्मक परीक्षणों के बाद, इसे 2024 की पहली तिमाही में राष्ट्र को समर्पित किया गया।

अब इस ब्रिज से नियमित रूप से परीक्षण रेल सेवाएं चल रही हैं। जल्द ही यह पुल आम जनता के लिए भी पूरी तरह से खोला जाएगा। Chenab Railway Bridge अब यात्रियों और माल ढुलाई दोनों के लिए उपयोगी साबित होगा।

निष्कर्ष: भारत का गर्व, विश्व की प्रेरणा

चिनाब ब्रिज को बहुत ही मज़बूती से तैयार किया गया है, अगर इसके 14 में से कोई एक पिलर भी गिर जाए, तब भी पुल खड़ा रहेगा. कंपनी का दावा है   कि यह पुल 40 किलोग्राम टीएनटी विस्फोट को भी झेल सकता है. इतना ही नहीं, अगर पुल को किसी आपदा में आंशिक नुकसान भी हो, तो भी ट्रेनों का आवागमन कम गति से से जारी रह सकता है
Chenab Railway Bridge आज केवल एक पुल नहीं बल्कि “भारत की इंजीनियरिंग शक्ति” का प्रतीक बन चुका है। यह दिखाता है कि कैसे भारत ने विश्व की सबसे कठिन भौगोलिक और जलवायु परिस्थितियों में भी इतिहास रचा।

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